मेकैनिकल इंजीनियर नौकरी छोड़ वैदिक गणित से चुटकियों में हल करा रहे कठिन सवाल

मेकैनिकल इंजीनियर प्रदीप कुमार बिहार के बच्चों को मुफ्त में देते हैं प्रशिक्षण, कराते हैं प्रतियोगितायें 

-दुनिया के कई देशों में सेवा देने के बाद पेशे से मेकैनिकल इंजीनियर अब बता रहे हैं चुटकियों में गणित
पटना. भले हम आज ज्यादा प्रगतिशील दिखाने और बताने के चक्कर में अपने वेद पुराणों को अहमियत नहीं देते हैं लेकिन हमारे वेद और पुराण ना केवल जिंदगी जीने का फलसफा समझाते हैं बल्कि वे हमें दुनिया के कठिन विषयों को समझने की समझ भी देते हैं. इसी वेद में हमारे लिए कठिन समझे जाने वाले गणित को चुटकियों में हल करने के राज मौजूद हैं और यह रहस्य हमें पेशे से मेकैनिकल इंजीनियर प्रदीप कुमार बता रहे हैं. वे ना केवल देश बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में काम कर चुके हैं लेकिन उनको वेद की खासियतों ने आकर्षित किया और आज वे इसी के जरिये बिहार के छात्रों को मदद दे रहे हैं. वे ना केवल मुफ्त में प्रशिक्षण देते हैं बल्कि प्रतियोगितायें भी आयोजित कराते हैं. अभी भागलपुर के साथ ही पटना, गया और मुजफ्फरपुर में वे प्रशिक्षण दे रहे हैं.
1993 में आइआइएम बेंगलुरु से ली मैनेजमेंट की डिग्री
1991 में भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से मेकैनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद प्रदीप कुमार ने गुजरात में तीन साल काम किया़  इसके बाद 92-93 में आइआइएम बेंगलुरु से मार्केटिंग मैनेजमेंट में एमबीए किया. इसके बाद 95 में मारुति के साथ जुड़कर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में काम किया. वेदों से रुझान होने के कारण 98 से 2000 तक अथर्ववेद पर रिसर्च किया. इसी दौरान उन्हें वैदिक गणित पर काम करने की प्रेरणा मिली.
70 भाषाओं में अनुवादित है इनकी वैदिक गणित पर किताबें
इसके बाद  उन्होंने वैदिक गणित पर किताबें लिखी तो उसे काफी प्रसिद्धि मिली. देखते ही देखते 70 भाषाओं में उसका अनुवाद किया गया. अभी दुनिया के कई देशों में किताब बिकती है. लेकिन सब प्रसिद्धि पाने के बाद इन्हें लगा कि अपने राज्य बिहार के लिए कुछ करना चाहिए तो उन्होंने वैदिक गणित सिखाने के लिए पूरी टीम बनायी और कई ईजाद किये. अभी 30 सदस्यों का इनका दल बिहार के विभिन्न जिलों में वैदिक गणित से गणित की कठिनाईयों को चुटकियों में हल करना सीखा रहा है.
खेलों से जोड़ा गणित को, गणित की कठिनाइयों से दिलाते हैं निजात
इन्होंने जहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए पूरा कांसेप्ट नोट लाया है वहीं बच्चों के लिए खेलों की तकनीक को जोड़ा है. कैरम बोर्ड, लूडो, मैजिक स्कॉव्यर, व्यापारी आदि के खेलों को गणित से जोड़कर वे अध्ययन कराते हैं. इसके लिए कोई राशि वे नहीं लेते हैं.
ऐसे समझिए वैदिक गणित:
मान लिया आपको 116 का वर्ग करना है तो आप दोनों को गुणा करेंगे. आपको कागज और पेन लाना होगा या फिर कैलकुलेटर की शरण लेनी होगी. लेकिन वैदिक गणित के सूत्रों से आप 108 में 8 जोड़ लीजिए तो 116 होगा और फिर अंत में 8 का वर्ग 64 यानी 11664 अंतिम उत्तर होगा. उसी प्रकार यदि 107 को 105 से गुणा करना है तो आपको 107 में 5 जोड़ लेना होगा 112 हो गए. अब इसमें 7 गुणा 5 यानी 35 अंत में लिखना होगा. 11235 उत्तर होगा. इसी तरह अन्य फॉर्मूले ईजाद किये हैं.


क्या कहते हैं प्रदीप कुमार?
हम पेशे से भले मेकैनिकल इंजीनियर हैं लेकिन गणित से जुड़ाव बचपन से रहा है. देश दुनिया के कई हिस्से मे काम किया. दिलचस्पी के कारण वैदिक गणित का अध्ययन किया तो इससे चुटकियों मे गणित की कठिनाइयों के समाधान का सूत्र मिल गया.

10 वर्षों तक गहन अध्ययन के बाद अब इसका लाभ आम बिहार वासियों को दे रहा हूं. वैदिक गणित हमारे वेदों में छुपे ऐसे सूत्र हैं जो कठिन गणित को साध्य बना देते हैं. हमारे बिहारवासियों के गणित कमज़ोर नहीं हैं लेकिन इसे और बेहतर बनाया  जा सकता है. बिहार से आर्यभट्ट ने ही दुनिया को शून्य दिया, हमें इसे और बेहतर करना है.
साभार: जूही स्मिता 

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